मंगलवार, 1 जून 2010

मैंने ही क्या किया ..............( गीत )

मैंने ही क्या किया किसी की लट उलझी सुलझाने को !
क्यों कोई जुल्फें बिखराता , मेरी धूप बचाने को !!

बांध बनाकर ये जलधारा जिसने साधी नहीं कभी !
दौनों हाथ जोड़कर जिसने , अँजुरी बाँधी नहीं कभी !

कोई नदिया रुकी नहीं है , उसकी प्यास बुझाने को !!
क्यों कोई जुल्फें बिखराता मेरी धूप बचाने को !!

जो लगते थे नमन प्रीत के , वो गरदन की अकड़न थी !
उसके मन में नृत्य नहीं था और पांव में जकड़न थी !

मैं पागल था जिद कर बैठा पायलिया गढ़वाने को !!
क्यों कोई जुल्फें बिखराता, मेरी धूप बचाने को !!

अहंकार से ऊपर उठकर ,अपनी आँखें खोलो तो !
जिसे तपस्या समझ रहे हो उसको ज़रा टटोलो तो !

वहां छुपी है 'चाह' अप्सरा आई नहीं रिझाने को !!
क्यों कोई जुल्फें बिखराता, मेरी धूप बचाने को !!

उसकी आँखों के आँसू से , अपने नयन भिगो सके !
कभी विरह में या कि मिलन में, लिपट लिपट कर रो सके !

बस लालायित रहे हमेशा, हम एहसान जताने को !!
क्यों कोई जुल्फें बिखराता, मेरी धूप बचाने को !!

' प्यार' हमारी अभिलाषाओं का विस्तार नहीं तो क्या है ?
तू मुझको दे ,मैं तुझको दूं , यह व्यापार नहीं तो क्या है ?

हमने प्रेम किया भी तो केवल सम्बन्ध भुनाने को !!
क्यों कोई जुल्फें बिखराता, मेरी धूप बचाने को !!


© 2008 lalit mohan trivedi All Rights Reserved

13 टिप्‍पणियां:

sonal ने कहा…

bahut khoob

Dev K Jha ने कहा…

गज़ब लिखा है भाई....
एकदम सटीक. वाकई बहुत खूब ललित भाई

बेनामी ने कहा…

दिल की बात जुबा पर आ ही जाती है
etips-blog.blogspot.com

Udan Tashtari ने कहा…

उसकी आँखों के आँसू से , अपने नयन भिगो न सके !
कभी विरह में या कि मिलन में, लिपट लिपट कर रो न सके !


०-बहुत उम्दा!

दिलीप ने कहा…

waah badhiya gazal

रश्मि प्रभा... ने कहा…

bahut hi badhiyaa

रंजना ने कहा…

' प्यार' हमारी अभिलाषाओं का विस्तार नहीं तो क्या है ?
तू मुझको दे ,मैं तुझको दूं , यह व्यापार नहीं तो क्या है ?

वाह...क्या बात कही....

भावुक प्रवाहमयी...बहुत ही सुन्दर गीत...

डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह ने कहा…

उसकी आँखों के आँसू से , अपने नयन भिगो न सके !
कभी विरह में या कि मिलन में, लिपट लिपट कर रो न सके !
Wah ,kya banagi hai ,ravani ke saath saath.
Aajkal khoye-khoye hai ,kyon,fursat nahi nikal paa rahe hamare liye.
saader
bhoopendra

VIVEK VK JAIN ने कहा…

so b'ful!

VIVEK VK JAIN ने कहा…

so b'ful!

SATYA ने कहा…

सुंदर अभिव्यक्ति.

VIVEK VK JAIN ने कहा…

a very b'ful gazal....... ur 'about me' is also b'ful.

kshama ने कहा…

"Bikhare Sitare" pe aapki tippanee ke liye aapki shukr guzaar hun..safar me saath rahe..'In sitaron se aage 3" me zaroor padhen!